अभी और टल सकते हैं नगरीय निकाय चुनाव
मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव एक बार फिर टल सकते हैं. आरक्षण में गड़बड़ी को देखते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के बाद अब इंदौर खंडपीठ ने भी सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. इंदौर खंडपीठ के द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि बार-बार एक ही वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण करना सही नहीं है. इससे अन्य वर्ग के लोगों को चुनाव से वंचित होना पड़ेगा. अब कोर्ट इस आदेश के बाद बताया जा रहा है कि अगर जल्द ही ये रोक नहीं हटती है तो निकाय चुनाव में देरी होना तय है.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने मुरैना, उज्जैन में दो नगर निगम सहित 81 नगर पालिका और नगर परिषद के महापौर अध्यक्ष के आरक्षण पर रोक लगा दी थी. इसके बाद एक दिन पहले इंदौर खंडपीठ ने भी आरक्षण पद्धति पर रोक लगा दी है. जिसमें कहा गया है कि नगर निकाय चुनाव में आरक्षित की गई सीट लंबे समय से चले आ गया है. जबकि आरक्षण में रोटेशन का नियम है संविधान की व्यवस्था के बाद इस कार्यप्रणाली को दरकिनार किया जाना उचित नहीं है.
तारीखें आगे बढ़ने के हैं पूरे आसार
वहीं इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सरकार विशेष अनुमति याचिका दायर करेगी अप्रैल में खंडपीठ को जवाब देने और रोक हटाने का आग्रह करेगी लेकिन भूपेंद्र सिंह ने साथ में यह भी कहा कि इस पद्धति से चुनाव की तारीख का आगे बढ़ना तय है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर जल्द ही मामले की सुनवाई नहीं हुई तो एक बार फिर चुनाव की तारीखें आगे बढ़ सकती है.