प्रदेश सरकार ने माना कि बेरोजगारी और महंगाई है अपने चरम पर
शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल का पहला बजट आज पेश किया जा रहा है. इससे पहले सोमवार को बजट से एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया था. कोरोना वायरस की महामारी के दौर में जहां एक ओर मंहगाई लगातार पैर पसार रही है, वहीं प्रदेश को काफी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा है. जिस वजह इस इस बजट में राहत की उम्मीद बेहद ही कम हैं. आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि सालाना प्रति व्यक्ति आय में 4.71 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं पिछले वर्ष की तुलना में इस साल की जीडीपी में 3.37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
2020-21 के बजट के अनुसार राज्य से कुल प्राप्त रकम 1,36,596.36 करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. महामारी के इस दौर में बेरोजगारी भी अपने चरम पर है. प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढ़कर 24 लाख 72 हजार हो गई है. खनिज से होने वाली सरकारी की आय में करीब 27.4 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है. इतना ही नहीं विकास दर में भी काफी कमी देखने को मिली है. साल 2019-20 की तुलना में 2020-21 साल की विकास दर 3.37 प्रतिशत कम हो गई है.