गुलामी के कलंक से मुक्त होगा मध्य प्रदेश, कई बदले नाम बनेंगे पहचान
ग्वालियर: मध्य प्रदेश में कई शहरों और प्रमुख स्थानों के नाम बदलकर विदेशी आक्रांताओं की गुलामी के कलंक से मुक्ति पाने की तैयारी है. इनमें भोपाल और यहां का मिंटो हॉल भी शामिल है.
इसका उपयोग लंबे समय तक विधानसभा भवन के तौर पर होता रहा. प्रदेश सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. ऐसे शहरों के नाम बदलकर भारतीय संस्कृति की पहचान फिर से कायम करने की शुरुआत नर्मदापुरम (होशंगाबाद) और भेरूंदा (नसरल्लागंज) से हो चुकी है. अब भोपाल, भोपाल के मिंटो हॉल, औबेदुल्लागंज, गौहरगंज, बेगमगंज, गैरतगंज, बुरहानपुर, सुल्तानपुर सहित एक दर्जन शहरों-स्थानों के नाम बदलने की तैयारी है.
मालूम हो, इन शहरों के निवासी और जनप्रतिनिधि लंबे समय से नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. करीब तीन महीने पहले विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रहते हुए रामेश्वर शर्मा ने भोपाल में ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी करने की मांग की थी. करीब 500 साल पहले सिखों के पहले गुरु नानक देव इस टेकरी पर रुके थे. यहां गुरु के पैरों के निशान हैं. इससे पहले भोपाल नगर निगम परिषद शहर का नाम भोजपाल करने का प्रस्ताव पारित कर चुकी है, जो शासन स्तर पर लंबित है.