एसआईटी ने हाईकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट : हनीट्रैप मामले में 6 बड़े अधिकारी और 1 बड़े नेता सहित 44 रसूखदार
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने विस्तृत जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को दो दिन पहले दिया
- मुख्य आरोपी आरती दयाल, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी फिलहाल इंदौर जेल में हैं
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाला हनीट्रैप मामले में अब सफेदपोश और इससे जुड़े लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है। 11 महीने पहले सामने आए हनी ट्रैप मामले में एसआईटी ने हाई कोर्ट की मांग पर जांच रिपोर्ट अदालत को दो दिन पहले पहले बंद लिफाफे में सौंपी है। इसमें 44 लोगों के नाम भी लिए गए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
मध्यप्रदेश के इस हाईप्रोफाइल मामले में एक पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद, भाजपा और कांग्रेस से जुड़े नेता और नौकरशाहों के फंसे होने का कयास लगाया जा रहा है। अभी तक इस मामले में किसी का नाम सामने नहीं आया है। मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के इंदौर बेंच कर रही है। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान कुछ अधिकारी और एक नेता के नाम लिए हैं।
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर इस रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सूची में 44 लोगों के नाम हैं। उनमें एक वरिष्ठ राज नेता और 6 सीनियर अधिकारी है। इनके नाम कथित तौर पर आरोपियों ने जांच के दौरान लिए हैं।
कोर्ट के निर्देश के बाद कार्रवाई
हनी ट्रैप के जाल में फंसे लोगों के नाम स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की जांच में सामने आए हैं। हाइ कोर्ट से अगले दिशा निर्देश मिलने के बाद एसआईटी कार्रवाई करेगी। इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने को लेकर इंदौर खंडपीठ में एक याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने एसआईटी से स्टेट्स रिपोर्ट के साथ ही अब तक की जांच में आए नामों की सूची मांगी थी।
हैदराबाद में सबूतों की जांच
मामले की जांच में एसआईटी ने आरोपी महिलाओं से सीडी, मोबाइल, पेन ड्राइव सहित काफी सामान जब्त किया था। इनकी जांच पुलिस ने अपनी ही लैब में करवाई है। इसे कोर्ट ने अनुचित मानते हुए जब्त किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को हैदराबाद स्थित लैब में जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए थे।
क्या है मामला
सितंबर 2019 में एमपी में हनी ट्रैप कांड का खुलासा हुआ था। इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर 5 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था। ये महिलाएं राज नेताओं और अधिकारियों को ब्लैकमेल करती थीं। इसके बाद जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। 3 बार एसआईटी के प्रमुख भी बदले गए हैं। हनी ट्रैप मामले में जांच के दौरान 4000 फाइलें लैपटॉप से मिली थीं, जिनमें सेक्स चैट के स्क्रीनशॉट, ऑडियो और वीडियो क्लिप थे। गिरोह में शामिल लोगों ने इस आधार पर कई लोगों को ब्लैकमेल किया था।