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दुनिया के 4 अजीबो गरीब गांव जो आपको जरूर चौकायेंगे

ग्राम या गांव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है. प्राय: गांवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत काम करते हैं. गांवों में घर प्राय: बहुत पास-पास व अव्यवस्थित होते हैं. परम्परागत रूप से गांवों में शहरों की अपेक्षा कम सुविधाएं शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की होती हैं. इसे संस्कृत में ग्राम, गुजराती में गाम पंजाबी में पिंड कहते हैं.

आज हम आपको 5 ऐसे अजीबोगरीब गांव और शहर के बारे में बताने वाले हैं जो अन्य गांव और शहर से अलग हैं नंबर 1 गांव में कभी भी सूरज की रोशनी नहीं पड़ती है, तो चलिए शुरू करते हैं.

सांता क्रूज़

इस जगह की सबसे खास बात यह है कि यह गांव समुद्र के बीच में मौजूद है जहां पर 1247 लोग रहते हैं जहां पर 90 घर दो दुकाने एक रेस्टोरेंट और एक स्कूल है जहां पर 80 बच्चे पढ़ते हैं जहां के लोगों के बीच सुविधाओं की कमी है लेकिन फिर भी वह यहां खुश रहते हैं क्योंकि यह दुनिया की सबसे शांत जगह है जहां पर कोई भी अपराध नहीं होता है.

द्वार्फ़ गांव

चाइना में एक ऐसा गांव है जहां पर लगभग सभी बोने हैं जिसकी वजह से इसका नाम बोनों का गांव रख दिया गया है इस गांव में बच्चे जब 5 से 6 साल के होते हैं तो उनका शरीर बढ़ना बंद कर देता है इस गांव से जुड़ी एक कहानी के अनुसार वांग नाम के एक व्यक्ति को अजीब पैरों वाला एक ब्लैक कछुआ मिला जिसे पकड़ने के बाद गांव वाले सोच में पड़ गए कि इसे पकाकर खाया जाए या फिर छोड़ दिया जाए लेकिन उन्होंने इसे छोड़ने के बजाय पका कर खा लिया जिसकी वजह से उनके आने वाले बच्चे बोने पैदा होने लगे.

होकसे गांव

यह तो आप सभी जानते होंगे कि नेपाल में भूकंप आते रहते हैं जिसकी वजह से लोगों के घर तबाह हो जाते हैं “Hokse Village” एक ऐसा गांव है जहां हमेशा भूकंप आता रहता है इसीलिए लोग अपने घर को वापस बनाने के लिए अपनी किडनी तक बेच देते हैं ताकि उन पैसों से हो अपनी आगे की जिंदगी बिता सके.

विगानेला गांव

यह गांव पहाड़ों के बीच में बसा हुआ है जहां तक सूरज की किरने नहीं पहुंच पाती इसीलिए यहां पर हमेशा अंधेरा रहता था जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती थी लेकिन उन लोगों की खुशी का ठिकाना तब नहीं रहा जब वैज्ञानिकों ने उनके लिए नया सूरज बना दिया हुआ यह था कि वैज्ञानिकों ने पहाड़ पर एक बड़ा सारा कांच लगा दिया जिसे सूरज की किरने होते हुए गांवों तक पहुंच जाती है जिसे गांव वालों को रोशनी मिल जाती है.