क्या सरकार को ऑक्सीजन की जिम्मेदारी आईआईटी और आईआईएम को सौंप देना चाहिए
देशभर में कोरोना का संक्रमण का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. अस्पतालों के बाहर मरीजों की लाइन लगी हुई हैं. संक्रमण से हर रोज हजारों लोग मर रहे हैं. सरकारी आंकड़ों में भले ही यह संख्या केवल तीन चार हजार हो. लेकिन वास्तव में यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है. अस्पतालों में दवाई, बेड और ऑक्सिजन की जबरदस्त किल्लत है. कुछ लोग इसकी कालाबाजारी में लगे हुए हैं.
कोरोना की यह दूसरी लहर है. इस लहर के आने से पहले कई एजेंसियां सरकारों का आगाह करते रहे. लेकिन सरकारों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. केंद्र समेत कई राज्य की सरकारें चुनाव लडती रहीं और कोरोना ने तांडव मचाना शुरू कर दिया. कोरोना के इस तांडव के शुरू होते ही ऑक्सीजन की जबरदस्त किल्लत हो गई. सुप्रीम कोर्ट समेत कई राज्यों के हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन को लेकर सरकार को फटकारें लगाना शुरू कर दीं.
पिछले दिनों दिल्ली हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर कड़ा रुख दिखाया. उसने केंद्र सरकार के द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने फटकार लगते हुए कहा कि आपसे कुछ नहीं हो पा रहा है. आपसे अच्छा ऑक्सीजन सप्लाई तो आईआईटी और आईआईएम वाले मैनेज कर सकते हैं. केंद्र सरकार अगर आईआईटी और आईआईएम को ऑक्सीजन मैनेज करने की जिम्मेदारी दे तो वो ज्यादा अच्छे से मैनेज कर सकते हैं.
जिसके बाद एक बहस सी छिड गई है कि क्या ऐसा वाकई में सम्भव है? तमाम लोग सरकार को सुझाव दे भी रहे हैं कि सरकार कोरोना काल में कुछ जिम्मेदारियां अन्य संस्थाओं को दे दे. इससे सरकार पर दवाब भी कम होगा और व्यवस्थाएं भी सुचारू रूप से चल सकती हैं.