कृषि मंत्री के ज़िले में 3 किसानों ने किया आत्महत्या का प्रयास, फसल का दाम न मिलने से नाराज़
हरदा। कृषिमंत्री कमल पटेल के हरदा जिले में तीन किसानों ने फसल का मूल्य नहीं मिलने पर कीटनाशक पीकर जान देने का प्रयास किया है। तीनों किसानों ने चौकड़ी समिति में समर्थन मूल्य पर चना बेचा था। परिजनों के अनुसार इसका भुगतान नहीं किया गया। अब तीनों का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
किसानों के परिवार ने बताया फसल का भुगतान नहीं होने से सब परेशान थे। अधिकारियों से गुहार लगायी पर कुछ नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि पुलिस मौजूदगी में एक किसान ने कीटनाशक पिया उसके बाद दो किसान और आए। सहकारी विभाग का कहना है चौकड़ी समिति में चना खरीदी में फर्जीवाड़ा हुआ था। जिसकी जांच चल रही है। 31 किसानों का भुगतान रुका हुआ है। लेकिन उनमें इन किसानों का नाम शामिल है या नहीं रिकॉर्ड देखकर बता पाएंगे।
पांच माह से भुगतान बकाया
कीटनाशक पीने वाले तीनों किसान सूरज निवासी नीमगांव, संदीप निवासी धनगांव और परमानंद निवासी सारंगपुर ने चौकड़ी सहकारी समिति में समर्थन मूल्य पर चना बेचा था। लेकिन पांच महीने बाद भी इन्हें फसल का पैसा नहीं दिया गया। इन किसानों ने तीन दिन पहले ही आवेदन देकर प्रशासन को चेतावनी दी थी। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर इन लोगों ने आत्मघाती कदम उठा लिया। जब किसान यह कदम उठा रहे थे उस समय पुलिस भी मौजूद थी लेकिन वो मूकदर्शक बनी रही। परिवार का कहना है सहकारी विभाग ने भुगतान रोका है। कई बार आवेदन दिए लेकिन आज तक भुगतान को लेकर कोई प्रयास नहीं हुए।
मामला कायम
मामले की खबर फैलते ही निजी अस्पताल के बाहर किसानों के परिवार, कांग्रेस नेताओं की भीड़ लग गयी। सूचना मिलने पर पुलिस तहसीलदार सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिले के एडिशनल एसपी ने कहा फ़िलहाल मामला कायम कर जांच की जा रही है।
31 पात्र किसानों का भुगतान बाकी
सहकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चौकड़ी समिति समर्थन मूल्य की चना खरीदी में फर्जीवाड़ा हुआ था. समिति में 33 हजार 339 क्विंटल चने की खरीदी के बिल बनाये गए थे। जांच में 28 हजार 156 क्विंटल स्टॉक मिला था। लगभग ढाई करोड़ रूपये के 5200 क्विंटल की फर्जी खरीदी समिति में हुई थी। इसमें अपात्र 71 किसानों के 145 फर्जी बिल बने थे। सहकारिता विभाग ने 2804 क्विंटल चने की सूची जिनमे गलत बिल बने थे खाद्य विभाग को डिलीट करने के लिए दी थी। इसी सूची में सूरज विश्नोई का नाम था। 1170 क्विंटल चने के फर्जी बिलों का 54 लाख रूपये का भुगतान 38 फर्जी किसानों को हो गया था। जिसकी वसूली की जा रही है। जांच के बाद अब पात्र 31 किसानों का भुगतान बाकी है।