शादी के लिए 20-20 हजार रुपए लिए थे, दूल्हे बारात लेकर पहुंचे तो पता चला कि वो ठगे जा चुके हैं
कुछ सालों पहले बॉलीवुड में एक फिल्म आई थी डॉली की डोली. इस फिल्म में फिल्म की हीरोइन शादी करने के बाद कई दूल्हों को लूट लेती है. ऐसा ही कुछ घटित हुआ राजधानी भोपाल में. यहां शुक्रवार को अजीबो-गरीब मामला आया. कोलार थान में कई दूल्हे जमा हुए थे. इनकी शिकायत थी कि जब हम बारात लेकर यहां पहुंचे तो न तो दुल्हन, न घरवाले और न ही शादी कराने वाले. इन सभी से शादी कराने वाली संस्था शगुन जन कल्याण सेवा समिति के संचालकों ने 20-20 हजार रुपए लिए थे.
दुल्हों की शिकायत पर कोलार पुलिस ने ठगी करने वाली संस्था के संचालकों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. ये संस्था अच्छा रिश्ता दिलाने के नाम पर लड़कों को गरीब घरों की लड़कियां दिखाते थे. इन्हें दिखाकर लड़के वालों से 20-20 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम पर ले लिए जाते थे. बाद में लड़कियों से कहते थे कि लड़के ने शादी से मना कर दिया. तय तारीख पर जब लड़का बारात लेकर बताए ठिकाने पर पहुंचता तो यहां ताला लगा मिलता.
संस्था के दफ्तर पर भी लगा था ताला- पुलिस
मेहगांव, भिंड निवासी 35 वर्षीय केशव बघेल गुरुवार को बारात लेकर आए तो शादी वाले घर पर ताला लगा मिला. यहां न तो दुल्हन थी और न परिवार वाले. टीआई चंद्रभान पटेल के मुताबिक शादी तय कराने वाली शगुन जन कल्याण सेवा समिति के दफ्तर पर भी ताला था. परेशान होकर केशव कोलार थाने पहुंचे तो यहां पहले से 6 दूल्हे और उनके परिजन अपनी-अपनी शिकायत दर्ज करवा रहे थे.
इस तरह हुआ नकली रिश्ता, महिला ने लड़की को बताया था बेटी
केशव के बहनोई जगदीश 3 महीने पहले भिंड गए थे. बस स्टैंड पर उन्हें शगुन जन कल्याण सेवा समिति का पर्चा मिला. इसमें 4 लोगों के नाम और नंबर दिए गए थे. पर्चे में दावा किया गया था कि समिति गरीब बच्चियों की शादी कराती है. पर्चे पर दिए नंबर पर बात करने पर एक महिला ने कॉल रिसीव किया.
उसने अपना नाम रोशनी तिवारी बताया. उसने रिश्ते के लिए कोलार के विनीत कुंज स्थित ऑफिस बुलाया. 16 जनवरी की दोपहर वे ऑफिस पहुंचे. उन्हें 25 वर्षीय लड़की दिखाई गई. इसके बाद रिश्ता तय हो गया था. रोशनी ने लड़की को अपनी बेटी बताया था. समिति ने शादी कराने के नाम पर 20 हजार रुपए लिए थे.