जहरीली शराब से उज्जैन में 36 घंटे में 14 की मौत, थाना प्रभारी समेत चार सस्पेंड
उज्जैन। उज्जैन में पिछले 36 घंटे में 14 लोगों की मौत हो गई। इनमें 10 मजदूर हैं, एक व्यक्ति ठेला लगाता था। वहीं, तीन अज्ञात हैं। पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एसआईटी का गठन कर अपर मुख्य सचिव गृह से रिपोर्ट मांगी है। मामले की जांच के लिए गृह विभाग के सचिव की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम शुक्रवार को उज्जैन पहुंचेगी। यहां दो दिन रहकर टीम जांच के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी।
वहीं, उज्जैन एसपी मनोज सिंह ने खाराकुआं टीआई समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस ने अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। बुधवार को 7 मौतों के बाद गुरुवार को भी शाम होते-होते मौतों का आंकड़ा 14 पहुंच गया। सुबह दो मजदूरों की सड़क किनारे लाश मिली। जबकि दो ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। डॉक्टर जितेंद्र शर्मा के अनुसार 11 लोगों के पीएम किए जा चुके हैं, जबकि तीन की पीएम किया जाना बाकी है। आशंका है कि जहरीली शराब पीने से इनकी मौत हुई है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकेगी।
एसपी ने टीआई सहित चार को निलंबित किया
उज्जैन एसपी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मामले में जहरीले झिंझर (शराब) पीने की पुष्टि हुई है। मामले में लापरवाही बरतने और अधिकारियों को गुमराह करने पर खाराकुआं थाना प्रभारी एमएल मीणा, एसआई निरंजन शर्मा, आरक्षक शेख अनवर और नवाज शरीफ को सस्पेंड कर दिया है। इन्हें उज्जैन मुख्यालय में अटैच कर दिया गया। पुलिस ने रात से कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य रूप से जिंजर बनाने वाले सिकंदर, गबरू और यूनुस नाम सामने आया है।
मल्टी लेवल पार्किंग में बनाते से झिंझर, सस्ते दामों में बेचते थे
आरोपी छतरी चौक स्थित नगर निगम की मल्टी लेवल पार्किंग में अवैध रूप से झिंझर पोटली बनाकर मजदूरों को सस्ते दामों में बेचा करते थे। यहां पर दबिश देने पर एक बोतल मिली है। पुलिस ने पूरे जिले में अवैध रूप से बन रही शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। पीएम करने वाले डॉक्टर ने अल्कोहल होने की पुष्टि की है। इधर, सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल ने भी मौत की पुष्टि की है। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने दवा बाजार में गुप्ता सर्जिकल पर स्टॉक से अधिक स्प्रिट रखने को लेकर कार्रवाई कर दुकान को सील कर दिया है।
शिवराज ने कहा- दोषियों को छोड़ेंगे नहीं
मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दोषियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव गृह जांच करेंगे। एसआईटी बनाई गई है। मामले में पुलिस की स्पेशल टीम जांच करेगी। साथ ही मामले में जांच के लिए गृह विभाग के सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके झा सहित पांच अधिकारियों की टीम शुक्रवार को उज्जैन आएगी। दो दिन उज्जैन में रहकर मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी।
महाकाल क्षेत्र में सुबह 2 मजदूरों के शव मिले
महाकाल थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह झारड़ा निवासी रतन मालवीय का शव नरसिंह घाट और हरदा निवासी राकेश का शव ढाबा रोड से मिला। पुलिस ने शव को पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया। वहीं, कुछ देर बाद अस्पताल में भर्ती दो अन्य मजदूरों ने भी दम तोड़ दिया। वहीं, शाम हाेते-होते तीन अज्ञात की भी मौत की जानकारी सामने आई। आशंका जताई जा रही है कि इनकी भी जहरीली शराब पीने से मौत हुई है।
बुधवार को 7 की हुई थी मौत
बुधवार सुबह 7 बजे छत्री चौक सराय के फुटपाथ पर दो मजदूरों के शव मिले थे। एसआई निरंजन शर्मा ने बताया कि नागदा निवासी विजय उर्फ कृष्णा (41) और पिपलौदा बागला निवासी शंकरलाल (40) की मौत हो गई। शंकरलाल सैलून पर काम करता था। साथी मजदूरों ने बताया कि दोनों रोजाना शराब पीते थे।
बेहोशी की हालत में मिले दो अन्य मजदूर दानी गेट निवासी बबलू (40) और छत्री चौक सराय निवासी बद्रीलाल (65) ने इलाज के दौरान पुलिस को बताया कि उन्होंने झिंझर नाम की शराब पी थी। इसके बाद से उनके पेट में काफी दर्द होने लगा। शाम को बबलू और बद्रीलाल की भी मौत हो गई।
शाम 7 बजे माधव गोशाला के पास दिनेश जोशी (45) की लाश मिली। यह मजदूरी नहीं मिलने पर भीख मांगकर भी गुजारा कर लेता था। एएसआई चंद्रभान सिंह ने बताया कि मौत का कारण अभी साफ नहीं है, लेकिन दिनेश भी शराब का आदी था।
शाम को ही महाकाल थाना क्षेत्र के बेगमबाग निवासी पीर शाह (45) की अस्पताल में मौत हो गई। पीर छत्री चौक पर ठेला लगाता था। उसे परिजन ने सुबह अस्पताल में भर्ती कराया था। वह भी शराब का लती था। इसी तरह छत्री चौक की पार्किंग से 85 साल के बुजुर्ग की लाश मिली। सीएसपी रजनीश कश्यप ने बताया कि फुटपाथ पर रहने वाले कुछ मजदूर बीमार थे।
मजदूर बोले- कहारवाड़ी से खरीदी थी झिंझर
गोपाल मंदिर क्षेत्र में नशे में धुत एक मजदूर ने बताया कि सराय के अधिकांश मजदूर पोटली (झिंझर) पीते हैं। ये लोग कहारवाड़ी से झिंझर लेकर आते हैं, कहारवाड़ी में शंकर और बेबी नाम की महिला पोटली बेचती है। 20, 30 और 50 रुपए की पोटली भी मिलती है। वैन में रखकर भी एक व्यक्ति यहां शराब बेचता है।
डॉक्टर बोले- इस तरह अचानक किसी की मौत नहीं होती
सिविल हॉस्पिटल के डाॅ.जितेंद्र शर्मा ने बताया कि उन्होंने चार मजदूरों के शव का पीएम किया है। एकदम से ऐसे किसी की मौत नहीं होती। मजदूर लंबे समय से शराब पीते आ रहे थे। पुलिस से भी यह मालूम पड़ा कि ये लोग आदतन शराबी थे। मजदूरों की मौत का स्पष्ट कारण ताे बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।