एक दुखयारी मां की गुहार – किसी ने मेरी बेटी को देखा है क्या? ढूंढ दीजिए, 50 हजार रुपए दूंगी
एक मां के लिए उसके बच्चे सब कुछ होते हैं. वो उनके लिए कुछ भी कर सकती है. वो अपने बच्चों को कभी भी मुश्किल में नहीं देख सकती है. सोचिए अगर एक मां की बेटी खो जाए तो उसकी क्या हालत होगी. ऐसा ही एक मामला रीवा में आया है.
किसी ने देखा है मेरी बेटी को!’, ये कहना है एक मां का. खाने को राशन नहीं है. लेकिन अपनी गुमशुदा बेटी को ढूंढ कर लाने वाले के लिए मां ने 50 हजार रुपए देने की घोषणा कर दी. रीवा से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आईं. यहां एक मां पिछले 14 दिनों से अपने कलेजे के टुकड़े को ढूंढने के लिए शहर की एक-एक गली में भटक रही है.
शहर भर में छपवा दिए पोस्टर
रीवा के सिविल लाइन थाना इलाके के गंगा नगर क्षेत्र में सरस्वती सिंह रहती हैं. जिनकी डेढ़ साल की मासूल बच्ची एक मई को घर के बाहर खेलते हुए अचानक लापता हो गई. घटना को बीते 2 सप्ताह से ज्यादा हो गया, लेकिन अभी तक बच्ची का कोई पता नहीं चल सका. अब सरस्वती सिंह खुद ही सड़कों पर बच्ची की तलाश करते हुए गली-गली में गुमशुदगी के पोस्टर लगा रही हैं.
कंट्रोल रूम की दीवारों पर लगाए पोस्टर
बच्ची के लापता होने की शिकायत मां ने पुलिस थाने में भी की, लेकिन इतने दिनों बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा. अब तो मां खुद ही रीवा की सड़कों पर पैदल घूम-घूम कर अपनी बच्ची की तलाश कर रही है. उन्होंने गुमशुदा के पोस्टर शहर की गली-गली में लगाने के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम की दीवारों पर भी इन्हें चिपका दिया.
हैसियत नहीं लेकिन देंगी 50 हजार रुपए
सरस्वती सिंह के घर के हालात कुछ खास अच्छे नहीं है, बावजूद उसके इस मां ने गुमशुदा बेटी को ढूंढ कर लाने वाले को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की. मां रोज पुलिस स्टेशन जाकर आला अधिकारियों से मुलाकात करती है, लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा. थाना प्रभारी का कहना है कि उनकी ओर से प्रयास जारी है, लेकिन जानकारी नहीं मिल सकी. बावजूद उसके यह मां हर दिन शहर में जाकर अपनी बेटी की तलाश करती है.