विवादित अस्पतालों से दान लेने पर कमलनाथ ने बोला सरकार पर हमला, लगाया आरोप कि जांच में बचाने के लिए ली गई दान के रूप में ली गई रिश्वत
22 अप्रैल को हुए जबलपुर के गैलेक्सी हॉस्पिटल कांड का मामला दोबारा चर्चा में आ गया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जहां इस मामले पर लगातार ट्वीट किए तो वहीं कांग्रेस के पूर्व मंत्री लघन घनघोरिया ने प्रशासन को घेरा है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले को लेकर एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट किए. उन्होंने लिखा- ‘जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में 5 मरीज़ों की दुखद मौत के बाद 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई थी, लेकिन 16 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक जांच पूरी नहीं हुई है. यह एक गम्भीर लापरवाही है, मृतक के परिजन न्याय मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं?’
गैलेक्सी अस्पताल ने रेड क्रॉस को दिया 25 लाख का दान- कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि – ‘यह जानकारी भी सामने आई है कि अस्पताल ने रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से 25 लाख रुपये का दान भी दिया है. यह संस्था सीधे कलेक्टर के दायरे में आती है, ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि जिस अस्पताल के ख़िलाफ़ 5 लोगों की मौत की जांच चल रही है, उससे यह दान राशि किन परिस्थितियों में व किस कारण से ली गई? सवाल यह भी है कि जब जांच चल रही है उसी समय यह दान देना और लेना कितना पारदर्शी है कहीं यह दान के रूप में प्रशासन को दी गई रिश्वत तो नहीं?’
सिटी अस्पताल ने भी दिए 11 लाख
पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए इस मामले के एक प्रेस विज्ञप्ति भी सामने आई है. इसमें गैलेक्सी अस्पताल द्वारा दान दी गई राशि का उल्लेख है. इसके साथ ही इसमें रेमेडीसीवर इंजेक्शन के मामले में पुलिस रडार में आए सिटी अस्पताल का नाम भी दिया गया है. गैलेक्सी हॉस्पिटल ने जहां 25 लाख रुपए का दान दिया, तो वहीं सिटी अस्पताल ने 11 लाख रुपए का दान दिया. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आखिर जिन अस्पताल और संचालकों के विरुद्ध जांच का प्रकरण चल रहा है उनसे एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा दान लेना सवालों के घेरे में आता है.
कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने प्रशासन पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
इस मामले में जबलपुर से कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने जिला प्रशासन को आड़े हाथ लिया है. उनका कहना है कि आपदा में अवसर के वक्त पहले जांच में लेट-लतीफी. उसके बाद नकली रेमेडीसीवर इंजेक्शन मामले में आरोपी बनाए गए व्यक्ति से दान लेना, यह विधि के विपरीत है. लखन घनघोरिया ने ये बड़ा आरोप भी लगाया कि जब 25 लाख रुपए जैसी बड़ी राशि रेड क्रॉस में जमा करवाई जा सकती है तो ऐसे में प्रशासन ने अपनी जेब में कितना डाला होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.