शिवराज सरकार की दोहरी मार किसानों पर, खाद के रेट 1200 से बढ़ा कर 1900 रुपये किये
मध्यप्रदेश के किसानों को दोहरी मार पड़ रही है. एक तरफ कोरोना महामारी ने तबाह कर दिया तो वहीं प्रदेश सरकार खाद के दाम बढ़ा कर किसानों की कमर तोड़ दी है. इस बार बेमौसम बरसात शुरू होने से पहले किसानों ने खाद, बीज से लेकर खेती में उपयोग होने वाली जरूरी चीजों की खरीदी अभी से शुरू कर दी है. बता दें गुरुवार को रायसेन जिले में डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए किसान खाद खरीदी के लिए समितियों में जमा हुए. उन्होंने खाद के भाव बढ़ने पर उन्होंने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की.
रायसेन का मामला
मामला रायसेन जिले के उदयपुरा से सामने आया, यहां खाद खरीदी के लिए किसान इकट्ठा हुए. वे फेडरेशन में डीएपी (खाद) खरीदने के लिए जान तक जोखिम में डाल रहे हैं. संक्रमण की दूसरी लहर के बीच खरीदार सुबह से डीएपी खरीदने के लिए टोकन प्राप्त करने के लिए लंबी लाइनों में खड़े हो कर अपनी बारी का इंतजार कर रहें हैं.
कतारों में खड़े किसानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि दोनों सरकारों ने कसम खाई है कि पूरे देश में ऐसी ही लाइन लगाकर किसानों को परेशान किया जाए. किसानों ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार डीएपी की कीमत 900 रुपए छोड़कर गई, जिसे शिवराज सरकार ने 1200 रुपए किया,अब इसकी कीमत बढ़ाकर 1900 रुपए कर दिया गया है.
गौरतलब है कि पूरा मामला डीएपी खाद की नई कीमतों से जुड़ा है. 1200 प्रति कुंटल रुपए में मिलने वाले डीएपी की कीमत अब 1900 रुपए प्रति कुंटल कर दी गई है. बढ़ी हुई खाद की कीमत किसानों को भारी पड़ रही है.बताया जा रहा है कुछ दुकानों पर पुराना स्टॉक रखा है, जिसे दुकानदार खत्म कर रहे हैं. उसी की जानकारी किसानों को मिलने पर वे बड़ी संख्या में दुकानों पर एकत्रित हो गए.