ग्वालियर की लोकल डिक्शनरी है बड़ी मज़ेदार, इस मज़े का स्वाद लेना ना भूलें, आईए जानते है भन्नाट शब्दकोश
हमारा देश कई भाषाओं और संस्कृति के कारण अन्य देशों से भिन्न है जी हां भारत देश में 22 भाषाओं को संविधान में मान्यता प्राप्त है लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार 121 भाषाएं ऐसी हैं जो 10,000 से ज्यादा लोग बोलते हैं.
आज हम बात करते हैं मध्यप्रदेश की शान ग्वालियर के बारे में जी हां ग्वालियर की बोली ‘बुंदेली’ है.
ग्वालियर की बोली सुनने में जितनी मजेदार लगती है उतनी ही लट्ठबाज भी लगती है ऐसा लगता है की कोई आपको हड़का रहा है बल्कि वो बोली ही ग्वालियर को विशेष बनाती है तो आइये कुछ मजेदार शब्दों के बारे में जानते हैं-
1- भाई को
‘भाई को’ ऐसा शब्द है जो दोस्ती यारी में अधिकतर युवा वहां के प्रयोग करते है. इस शब्द में दोस्तों की यारी और प्यार झलकता है.
2- नेक सुनियो
‘नेक सुनियो’ का मतलब होता है ज़रा सुनना. जब कभी किसी को कोई बात बतानी या सुनानी होती है तब लोग नेक सुनियो बोलते हैं
3-मोय ना पतो
‘मोय ना पतो’ का मतलब होता है मुझे नहीं पता. जब कोई बात पता नहीं होती है तो ग्वालियर में लोग इसी सेंटेंस का प्रयोग करते हैं.
4-बावा
‘बावा’ ज्यादातर संबोधन के लिऐ प्रयोग किया जाता है. जैसे ‘ओ बावा क्या मज़ेदार जगह है’.
5-हौ
हौ का मतलब है अच्छा, ओक, ठीक है, ये शब्द आपको हर जगह सुनने को मिल जाएगा.
6-है गयो
है गयो का मतलब होता है हो गया.
7-का है रओ ए
का है रओ ए है का मतलब होता है कि क्या हो रहा है.
8-झांई राइयो
झांई राइयो का मतलब होता है कि यहीं रहना, या फिर यहीं रुके रहना.
9-उते जा
उते जा का मतलब होता है कि उधर जा.
10-भौत
भौत शब्द का मतलब होता है बहुत. लिखने और बोलने की वजह से यह बहुत से भौत हो गया.