ग्वालियर में बर्बाद हो चुकी हैं कोरोना वैक्सीन की 33 हजार डोज
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सबसे कारगर हथियार के तौर पर कोरोना की वैक्सीन है. वैक्सीन को लेकर एक और जहां देश भर में किल्लत है, तो वहीं ग्वालियर में 16 जनवरी से लेकर अब तक लगभग के 33 हजार वैक्सीन के डोज खराब होने का मामला सामने आया है. इतने वैक्सीन से लगभग 16,600 लोगों को वैक्सीनेशन किया जा सकता था. अब तक लगाए गए वैक्सिन का अगर आंकड़ा देखें तो लगभग 9 फ़ीसदी डोज बर्बाद हो गए हैं.
दरअसल ग्वालियर में अब तक लगभग 3,49,654 लोगों को वैक्सीनेट किया गया है. जिसमें से लगभग 62 हजार लोग ऐसे हैं जिन्हें दोनों टीके लगे हैं बाकी के लोगों को केवल पहला टीका ही लग पाया है.
टीका लगवाने नहीं पहुंचे लोग
वैक्सीन डोज खराब होने को लेकर जब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई लापरवाही नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने टीका के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था उसमें से कई लोग टीकाकरण कराने नहीं पहुंचते हैं और कई लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना पहचान पत्र के पहुंच जाते हैं.
कई बार तीन-चार डोज बच जाते है
मनीष शर्मा बताते हैं कि एक वैक्सीन बोतल से 10 लोगों को टीकाकरण किया जाता है और सरकार को यह निर्देश है कि वैक्सीन सेंटर पर यदि 6 से 7 लोग भी पहुंच जाते हैं तो बोतल खोलकर वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया जाए, ऐसे में कई बार यह होता है कि आखिरी बचे बोतल में तीन से चार डोज बच जाते हैं.