बची रहेगी 116 साल पुरानी विरासत, ग्वालियर स्टेशन से मोतीझील तक 8 किमी में चलाई जा सकती है सिटी ट्रेन
ग्वालियर की पहचान बनकर दुनिया में प्रसिद्ध हुई नैरोगेज ट्रेन को श्योपुर और विजयपुर के लिए बंद कर दिया गया था. लेकिन अब खबर आ रही है कि नैरोगेज के डिब्बे सिटी ट्रेन के रूप में ग्वालियर में चलाए जा सकते हैं. रेल मंत्रालय से आई रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) की टीम ने दो दिन शहर में रहकर इसे सिटी ट्रेन के रूप में चलाने की संभावनाओं के बारे में समीक्षा की है.
सर्वे के बाद रविवार को बालभवन में प्रशासनिक अफसरों के साथ हुई बैठक में टीम के अफसरों ने बताया कि ग्वालियर स्टेशन से मोतीझील तक 4 स्टेशन तैयार कर नैरोगेज को सिटी ट्रेन के तौर पर चला सकते हैं. प्रत्येक 2 किमी की दूरी पर एक स्टेशन रहेगा. मालूम हो कि अभी तक ग्वालियर, घोसीपुरा और मोतीझील स्टेशन ही हैं.
आईआरएसीडीसी की टीम ने सुझाव दिया है कि नैरोगेज ट्रेन को टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सिटी ट्रेन के तौर पर चलाया जा सकता है. जिला पंचायत सीईओ किशोर कान्याल ने बताया कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि फूलबाग, मोतीझील और कटीघाटी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर सकते हैं ताकि यहां पर्यटन बढ़ सके.