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ऑनलाइन गेम में हार के बाद 11 साल के बच्चे ने 10 साल की बच्ची की हत्या की

इंदौर। इंदौर में 11 साल के बच्चे द्वारा 10 साल की बच्ची की हत्या का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। ऑनलाइन गेम में हार से परेशान 11 साल के बच्चे ने अपने पड़ोस में रहने वाली 10 साल की लड़की की हत्या कर दी। मृतक बच्ची ऑनलाइन गेम में आरोपी बच्चे को हरा देती थी. इससे नाराज़ आरोपी ने पत्थर से सिर कुचलकर उसे मार डाला।

इंदौर के लसूड़िया थाना इलाके में सोमवार दोपहर 10 साल की बच्ची की खून से लथपथ लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई थी। मृतका का नाम देविका था, वो पांचवी कक्षा की छात्रा थी। घटना स्थल से ही महज 100 मीटर दूर उसका घर था। पुलिस इस अनसुलझी गुत्थी को सुलझाने के लिए साक्ष्य तलाश रही थी, लेकिन मौके पर कोई सुराग उसके हाथ नहीं लगा।

हत्या के बाद बाथरूम में बंद
पुलिस ने घर के आस पास ही सुराग ढूंढ़ना शुरू किया तो देखा कि उस इलाके में घटना के बाद से ही वहां रहने वाला 11 साल का एक बच्चा अपने घर से बाहर नहीं निकल रहा है। उसने काफी देर से अपने आपको बाथरूम में बंद कर रखा था। मौके पर मोहल्ले और परिवार के ही लोगों ने बमुश्किल उसे बाहर निकाला। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने भी मौके पर पहुँच कर मनोवैज्ञानिक तरीके से मासूम से पूछताछ की तो उसने हैरानी भरी बातें कीं. मासूम की बात सुनकर पुलिस अधिकारी भी सन्न रह गए।

हार का बदला हत्या कर ली

मासूम ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर देविका( मृतका) के साथ ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था। देविका अक्सर उसे हरा देती थी। वो उसे हराने में कई बार अपने भाई की भी मदद करती थी। इसी वजह से वो देविका से बदला लेना चाहता था। बच्चे ने ये भी बताया कि कुछ समय पहले उसके एक पालतू सफेद चूहे को देविका ने मार दिया था। हालांकि पुलिस इस बिंदु पर फिलहाल जांच करने की बात कह रही है। पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लेकर अन्य बिन्दुओं पर पड़ताल शुरू कर दी है। बाल आरोपी को बाल संप्रेषण गृह भेज दिया जाएगा।

पुलिस की अभिभावकों से अपील
इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक़ फ्री फायर गेम खेलने के दौरान अक्सर हार का सामना करने से नाराज नाबालिग ने मासूम की हत्या कर दी। ह्त्या को अंजाम देने वाले ने इस बात को कबूल भी कर लिया है। मामले में वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने सभी अभिवावकों से अपील की है कि लॉक डाउन के कारण ऑनलाइन स्टडी के दौरान वो ख्याल रखें कि बच्चे पढ़ाई के साथ कहीं गेम तो नहीं खेल रहे हैं। या फिर यदि गेम खेल भी रहे हैं तो वह कही हिंसक प्रवत्ति के तो नहीं हैं। परिवार वाले बच्चों की एक्टिविटी पर हर हाल में नजर रखें।