BhopalMadhya Pradesh

मंगेतर को खुश करने के लिए दो साल में देश भर में 10 हजार लोगों से 10 करोड़ ठगे, 10 फर्जी वेबसाइट बनाई

भोपाल। सस्ते लोन के लिए अगर आपके पास कोई फोन आए तो जरा सावधान ही रहिए, हो सकता है कि कहीं वो आपको पैसे दिलाने के बदले वो आप को ठग रहा हो। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामले का खुलासा मध्यप्रदेश पुलिस ने नौ महीने की मेहनत के बाद किया है। जिसमें आरोपी अपनी मंगेतर को खुश करने के लिए देशभर के 10 हजार लोगों को ठग चुका है। 10 फर्जी वेबसाइट और कॉलसेंटर की टीम के माध्यम से वह लोगों को अपना शिकार बनाता था।

भोपाल में सस्ते लोन के नाम पर युवक से ठगी करने वाला गिरोह नोएडा में कॉल सेंटर चलाकर यह कारोबार कर रहा था। अब तक की जांच में मुख्य आरोपी ने अपने से 2 साल बड़ी मंगेतर के लिए धोखाधड़ी करने 10 फर्जी वेबसाइट तैयार की थी। इसके लिए लड़की ने अपनी बहन के साथ डेढ़ लाख रुपए के किराए पर कॉल सेंटर शुरू किया। यहां पर करीब 30 लड़कियां देश भर में लोगों को सस्ता लोन दिलाने का झांसा देती थीं। अब तक यह गिरोह 10 हजार लोगों से 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

नौ महीने की मेहनत के बाद गिरोह का भंडाफोड़
एडीजी भोपाल उपेंद्र जैन ने बताया कि जनवरी 2020 में आवेदक पद्मेश सिंह ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2019 में www.swiftfinance.in पर पर्सनल लोन का विज्ञापन देखा। कॉल करने पर आरोपियों ने बहुत कम दर पर लोन दिलाने का भरोसा दिलाया। उसके बाद उन्होंने अलग-अलग खातों में रुपए जमा करवा लिए।
रुपए पहुंचने के बाद बेवसाइट दिखना बंद हो गई। उनकी शिकायत की जांच में सायबर क्राइम ब्रांच को 9 महीने तक मेहनत करना पड़ी। इस मामले में पुलिस ने नोएडा से मुख्य आरोपी डेविड कुमार जाटव उसकी मंगेतर नेहा भट्ट और उसकी बहन मनीषा भट्ट को गिरफ्तार किया। उनका एक साथी कमल कश्यप नाम का चौथा आरोपी फरार है।

इस तरह फंसाते थे
आरोपी फर्जी वेबसाइट का गूगल ऐड के माध्यम से विज्ञापन देते थे। इस पर ग्राहक लोन लेने के लिए अपनी पर्सनल जानकारी डालते थे। जानकारी के अनुसार कंपनी के कॉल सेंटर से ग्राहकों को लड़कियां कॉल करती थीं। लोगों से प्रोसेसिंग फीस, सिक्यूरिटी डिपोजिट, जीएसटी एवं वनटाइम ट्रांजेक्शन के नाम पर अलग-अलग चार्ज के लिए करीब 40 हजार रुपए ऑनलाइन जमा करवाते थे। एक वेबसाइट करीब ढाई माह ही चलाते थे। इस दौरान करीब 12 लोगों को शिकार बना लेते थे। हर महीने फर्जी बैंक खातों एवं सिम कार्ड बदल देते थे।

डेढ़ लाख रुपए का किराए का कॉल सेंटर
आरोपियों ने नोएडा में दो कॉल सेंटर किराए पर ले रखे थे। इनका 1.50 लाख रुपया एक महीने का किराया था। इसमें 10 से 15 हजार रुपए के वेतन पर 30 लड़कियों को रखा गया था। लड़कियों को प्रत्येक ग्राहक का रिकार्ड साफ्ट कॉपी में एक्सल में नोट करना होता था। इनसे अब तक करीब 10 हजार लोगों का रिकॉर्ड मिला है।
यह जब्त किया गया


छह लेपटॉप, 25 मोबाइल फोन, 21 पेन ड्राइव, 8 एक्टिवेटेड सिम कार्ड, 19 डेबिट कार्ड, 3 रेंट एग्रीमेंट संबंधी दस्तावेज, 3 वेबसाइट संबंधी दस्तावेज, 1 राउटर मय मोडेम मय इंटरनेट कंवेटर व एक बलेनो कार।


ऐसे कर सकते हैं शिकायत
फर्जी वेबसाइट के माध्यम से लोगों के साथ धोखाधडी करने वाले गिरोह के विरूद्ध कार्रवाई के लिए सायबर क्राइम भोपाल पुलिस ने एसआई सुनिल रघुवंशी को नोडल अधिकारी बनाया है। कोई भी पीड़ित इससे जुड़े मामले में फोन नंबर 8602744849 पर संपर्क कर सकता है।