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हनी ट्रैप कांड को खलनायकों को बचाने के साथ फायदा पहुंचा रही भाजपा

कमलनाथ सरकार को हनी ट्रैप कांड से बदनाम करने की साजिश का खुलासा होने के बाद से मध्यप्रदेश और देश की राजनीति में हड़कंप मच गया था। कमलनाथ की सरकार ने समय रहते इस षडयंत्र का पर्दाफाश करते हुए विरोधी दल की सारी साजिश नाकाम कर दी थी। हालांकि अभी हनी ट्रैप कांड की जांच जारी है। लेकिन इसके आरोपी लोगों को भाजपा सत्ता में आने के बाद से बचाने और फायदा पहुंचाने में तेजी से काम कर रही है।

हनी ट्रैप मामले से चर्चा में आए इंदौर निगम में पदस्थ सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह को राज्य शासन ने रीवा नगर निगम में अटैच कर दिया। इसके साथ ही इनको इंदौर नगर निगम से शुक्रवार को उन्हें रिलीव भी कर दिया गया। संभागायुक्त और निगम प्रशासक डॉ. पवन कुमार शर्मा के निर्देश पर निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने हरभजन सिंह को मंगलवार को दोबारा निलंबित कर ट्रेंचिंग ग्राउंड में अटैच कर दिया था।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने नगरीय विकास व आवास विभाग से सिंह को वापस रीवा भेजने की अनुशंसा की थी। इस पत्र में कहा गया कि हरभजन सिंह के इंदौर में रहने पर जांच प्रभावित होने की संभावना है। इसके चलते मुख्यालय परिवर्तन कर इनके मूल निकाय नगर पालिक निगम रीवा में भेजा जाए। इसके जवाब में 18 जून को शासन से स्वीकृति आ गई और उन्हें रीवा अटैच कर दिया गया।

हरभजन सिंह को सितंबर 2019 में निलंबित किया गया था। उन पर आरोप था कि अपने पद का फायदा उठाते हुए उन्होंने आरोपी महिलाओं को आर्थिक मदद की। इसका आरोप पत्र 45 दिन तक नहीं मिलने पर हरभजनसिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।