शुरू हो गई है उपचुनाव की तैयारी.
24 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव पर शिवराज सरकार का भविष्य टिका हुआ है. कांग्रेस के साथ भाजपा भी चुनाव में विजयी पाने के लिए चुनावी मुद्दे ढूंढ़ रही है. सरकार में होने के कारण भाजपा के पास कांग्रेस पर हमला बोलने के मौके कम हैं. कांग्रेस के पास भाजपा पर हमला बोलने के कई रास्ते खुले हैं. लेकिन हमलों में तेज धार और उसकी जमीनी हकीकत होना जरूरी है.
कांग्रेस कोरोना संक्रमण काल में बिजली के बिल माफ करने व पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के मुद्दे पर धार रख रही है. भाजपा को भी बिजली के करंट का झटका लगने व पेट्रोल-डीजल के दामों के बढ़ने से लोगों पर पड़ रही मार का डर सताने लगा है. उसे डर है कि पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम उसे चुनावी नुकसान पहुंचाएंगे.
भाजपा कमल नाथ सरकार में फैली प्रदेश अव्यवस्था और वचन-पत्र को पूरा नहीं करने की तोहमत लगाने के साथ सिंधिया के सम्मान को मु्ददा बनाकर चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर रही है.
तलाशे जा रहे हैं स्थानीय मुद्दे
सरकार पर हमला बोलने के साथ स्थानीय मु्द्दे भी तलाशे जा रहे हैं. ग्वालियर जिले की तीन विधानसभा सीटों ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व व डबरा में उपचुनाव होना है. तीनों विधानसभा क्षेत्रों की प्रकृति अलग हैं. इसलिए यहां के स्थानीय मुद्दे भी अलग हैं. चुनावी पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी यहाँ सिंधिया की गद्दारी को प्रमुखता से लोगों के सामने रखेगी.