Gwalior newsMadhya PradeshPoliticsTOP STORIES

भारतीय जनता युवा मोर्चा के 250 कार्यकर्ता कांग्रेस में हुये शामिल

मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच अंदरखाने 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए गोटियां बिठाई जा रही हैं।
इसी बीच ग्वालियर के भारतीय जनता युवा मोर्चा के 250 कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
भाजपा और कांग्रेस दोनों दल लोगों को कोरोना संकट में मदद पहुंचाने के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं मगर अंदर ही अंदर दोनों दल 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारियां भी कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के प्लान 22 से भाजपा में खलबली मची हुई है। कमलनाथ ने दावा किया है कि कांग्रेस इन 24 सीटों में से 20 से 22 सीटें जीतने में कामयाब होगी।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए बागियों को लेकर भाजपा के अंदर काफी नाराजगी है।

उन्होंने भाजपा के कई असंतुष्ट नेताओं के अपने संपर्क में होने का भी दावा किया है।

उनका कहना है कि मतदाताओं का भी दलबदल करने वाले नेताओं पर से भरोसा उठ गया है। मतदाताओं को लगता है कि इन नेताओं ने उनके साथ धोखा किया है। आने वाले उपचुनाव में दलबदल करने वाले विधायकों को जनता जरूर सबक सिखाएगी।

कमलनाथ के इस दावे के बाद भाजपा में खलबली मची हुई है क्योंकि अगर कमलनाथ की बात सच निकली तो राज्य में एक बार फिर बड़ा सियासी उलटफेर हो जाएगा। इसी कारण भाजपा नेता सतर्क हो गए हैं और पार्टी ने सभी 24 विधानसभा सीटों वाले 15 जिलों में हर दिन मॉनिटरिंग का काम तेज कर दिया है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा हर दिन खुद 15 जिलों के अध्यक्षों और विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी नेताओं से चर्चा करके चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे हैं।

इन पार्टी नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की जा रही है। भाजपा अध्यक्ष प्रतिदिन इन सभी जिलों से फीडबैक ले रहे हैं ताकि चुनाव की तैयारियों में कोई कसर बाकी न छूट जाए।

माना जा रहा है कि कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन के खत्म होने के बाद किसी भी समय इन 24 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान किया जा सकता है। पूर्व सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी कांग्रेस की ओर से चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।

कमलनाथ अपनी पार्टी के नेताओं के साथ संपर्क करने के अलावा भाजपा के उन असंतुष्ट नेताओं से भी संपर्क बनाने में जुटे हुए हैं जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों से नाराज बताए जा रहा हूं हैं। कमलनाथ ऐसे असंतुष्ट भाजपा नेताओं का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं।

कमलनाथ के दावे में दम भी दिखता है क्योंकि भाजपा के ग्वालियर चंबल इलाके में असंतोष के स्वर उठे हैं। हालांकि पार्टी ने संगठन स्तर पर असंतोष को दबाने की कोशिश की है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता ग्वालियर चंबल इलाके के असंतुष्टों को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। दूसरी और कांग्रेसी ऐसे सभी चेहरों पर डोरे डाल रही है जो उपचुनाव में भाजपा को झटका दे सकते हैं।