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पुलिस अधिकारियों के बीच मिलीभगत के चलते प्यारे मियां को थाने से जाने दिया था

भोपाल। भोपाल में नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में मुख्य अभियुक्त पर पुलिस की नजरे इनायत रही है। जानकार के मुताबिक इस मामले में कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत की खबर सामने आ रही है।


घटना वाली रात लड़कियों को पकड़ने के बाद पुलिस जब उन्हें थाने ले आई थी, तब उनको छुड़ाने के लिए प्यारे मियां भी आया था। उसने नाबालिग लड़कियों को अपना नाती- पोती बताते हुए छ था और उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस को अपनी पत्रकारिता की धमकी भी दी थी। लेकिन पुलिस उसको गिरफ्तार करने के बजाय आरोपी को भगाने में मदद की थी।

आरोपी प्यारे मियां रातीबड़ थाने स्थित एक फार्महाउस में लड़कियों को लेकर पार्टी में गया था। इसके बाद वह लड़कियों को लेकर शाहपुरा स्थित अपने फ्लैट गया था। हालांकि, पुलिस ने रसूखदार को बचाने के लिए रातीबड़ में हुई पार्टी को जांच में नहीं लिया। इन तमाम बातों का खुलासा बाल आयोग की टीम जब गौरवी सेंटर में लड़कियों से बातचीत कर रही थी तब हुआ. यह जानकारी भी मिली है कि प्यारे मियां लड़कियों को साथ लेकर बैंकॉक, दुबई, थाइलैंड, यूके और स्विट्जरलैंड भी जाता था।

पीड़ित लड़कियों से बातचीत की गई


राजबाला आयोग की सदस्य अमिता जैन ने बताया कि गौरवी सेंटर में पीड़ित लड़कियों से बातचीत की गई है. लड़कियों ने जो बातें बताई हैं उससे पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ईमानदारी से काम करती तो आरोपी गिरफ्तार हो जाता। उन्होंने बताया कि घटना वाले दिन आरोपी प्यारे मियां अपनी कार से लड़कियों के पीछे- पीछे आ रहा था। जब पुलिस ने लड़कियों को पकड़ा उस दौरान प्यारे मियां ने पुलिस से बातचीत करते हुए दबाव बनाया।

इसके बाद अगले दिन फिर आरोपी प्यारे मियां लड़कियों के परिजन को लेकर थाने पहुंचा और लड़कियों को छुड़ाने की बात कहने लगा. इस दौरान उसने पुलिस को धमकाया भी। पुलिस को यह बात पता था कि प्यारे मियां ने लड़कियों के साथ गलत काम किया है। इसके बावजूद भी पुलिस ने उसे जाने दिया। आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने बताया कि पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।


एडीजी से लेकर इंस्पेक्टर तक पर उठे सवाल?


रातीबड़ थाने में 12 घंटे बाद एफआईआर दर्ज क्यों की गई? बच्चियों को चाइल्ड लाइन को सौंपने से पहले महिला पुलिस अधिकारियों की मदद क्यों नहीं ली गई, क्या आरोपी अखबार मालिक प्यारे मियां को भगाने में पुलिस के कर्मचारियों और अधिकारियों का हाथ है जैसे कई सवाल उठ रहे हैं।