गंदा है पर ये धंधा है : शिक्षकों से शराब बिकवा रही सरकार
तुम अगर काम नहीं करोगे तो तुम्हें किस बात के और क्यों पैसे दिए जाएं। आजकल ऐसा ही कुछ मध्यप्रदेश सरकार भी कर रही है। NO WORK, NO PAY के सिद्धांत पर चलने वाली शिवराज सरकार वेतन देने वाले हर किसी को काम पर लगा रही है। क्योंकि बिना काम किए कोई भी वेतन पाने का अधिकार ही नहीं रखता।
इसी तर्ज पर चलते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब देश के नौनिहालों के भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षकों को भी शराब बेचेने के काम पर लगा दिया है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से बंद स्कूल के कारण फिलहाल प्रदेश के शिक्षकों के पास कोई रोजगार नहीं था। इतना ही नहीं लॉकडाउन में कोरोना वारियर पुलिस महकमे के लोगों को भी ओवर टाइम कराने से नहीं चूक रहे हैं। शिक्षकों से पहले पुलिस को भी शराब बेचने के काम पर लगाया गया था।
इस बात के लिए मामा की आलोचना करना जरा भी ठीक नहीं है। मामा करे भी तो क्या करें, वेतन देने के लिए अब उनके पास धन नहीं बचा है। इसलिए शराब बिक्री से मिलने वाले राजस्व का ही सहारा है। सरकारी कर्मचारी कोई भी काम करें उनको वेतन से मतलब होना चाहिए। चाहे समाज को दिशा देने वाले और बच्चों के भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षकों को शराब ही क्यों न बेचना पड़े।