शिवराज-सिंधिया में अपने मंत्रियों को बड़े मंत्रालय दिलाने की होड़
भोपाल। शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के तीन दिन बाद भी संबंधित 28 मंत्रियों को मंत्रालयों का आवंटन नहीं किया जा सका है। जानकारों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज और सिंधिया के बीच अपने मंत्रियों को महत्वपूर्ण मंत्रालय दिलाने की होड़ लगी है।
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने लोगों के लिए बड़े विभाग चाहते हैं, जिस पर केंद्रीय संगठन से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री अंतिम निर्णय लेंगे। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री रविवार की सुबह दिल्ली गए हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री की सिंधिया से मुलाकात संभावित है। यहां बड़े विभागों पर सहमति बन सकती है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थकों के पास स्वास्थ्य, राजस्व, परिवहन, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, श्रम विभाग थे। इनमें से काफी विभाग सिंधिया अपने पास ही रखना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान की कल केंद्रीय नेतृत्व के साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से चर्चा होगी। इसी दौरान सिंधिया से भी बात होगी। इसके बाद विभागों को अंतिम रूप दिया जाएगा। भाजपा में बड़ी दिक्कत वित्त विभाग को लेकर भी है, क्योंकि दस साल तक वित्तमंत्री रहे जयंत मलैया 2018 में चुनाव हार गए।
भाजपा के भीतर भी विभागों को लेकर उलझन बढ़ गई है। नरोत्तम के पास अभी गृह और स्वास्थ्य है। एक विभाग कम होता है तो क्या होगा? चर्चा है कि मुख्यमंत्री अपने पास जनसंपर्क विभाग रखना चाहते हैं, ऐसा हुआ तो नरोत्तम को कौन सा विभाग मिलेगा। गोपाल भार्गव और विश्वास सारंग को क्या मिलेगा। भूपेंद्र सिंह पिछली सरकार में गृहमंत्री थे। उन्हें क्या दिया जाएगा। इन सवालों के जवाब उलझे हुए हैं।